आदमी काम की अधिकता से नहीं वरन उसे भार समझ कर अनियमित रूप से आधे मन्से करने से थकता है !!!
संसार के बड़े से बड़े काम शक्ति व साधन से नहीं बल्कि सूझ बूझ व दूरदर्शिता से होते हैं !!!
संसार के बड़े से बड़े काम शक्ति व साधन से नहीं बल्कि सूझ बूझ व दूरदर्शिता से होते हैं !!!
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